जिसका चरित्र ऊंचा होता है वह सर्वत्र पूज्य है- सोनम शास्त्री
रिपोर्ट सुरेश पांडे
गाजीपुर। 50वें मानस सम्मेलन के चौथे दिन प्रवचन करती हुई बाराबंकी से आयी हुई सोनम शास्त्री ने कहा कि एक मां 3-4 बच्चों को पाल लेती है परन्तु वही दूसरी तरफ 3-4 बच्चे एक मां की सेवा नही कर पाते है। निर्धन धनवान से डरता है, दुर्बल बलवान से डरता है परन्तु सारी दुनियां चरित्रवान से डरता है जिसका चरित्र ऊंचा होता है वह सर्वत्र पूज्य हॆ। जिसको सारी दुनियां छोङ देती है प्रभु उसे अपना बना लेते।सति ने परीक्षा लिया तन त्याग करना पङा,सेवरी ने प्रतिक्षा किया उसे भगवान का दर्शन हुआ।आज लोग श्रीराम को मानते है परन्तु श्रीराम की नही मानते है। श्री शास्त्री ने भगवान शिव विबाह पर चर्चा करते हुए कहा कि सती आग मे जल चुकी थी लेकिन उनकी इच्छा यही थी की शिव जी हमेशा पति के रुप मे मिले।इसलिए नारद के कहने पर घोर तपस्या किया।भगवान शिव समाधि मे संलग्न थे।कामदेव ने तपस्या भंग करना चाहा परन्तु जल कर भष्म हो गया। सभी देवताओं ने मिल कर शिव से विनती कर विबाह करने का आग्रह किया।विबाह मे भूत, प्रेत, पिचास, सांप, विच्छू गोजर बराती बने। परिछन के समय दुल्हा देखकर मैना आरती की थाली फेककर चली गयी परन्तु शिव ने अपमान को सम्मान के रुप मे देखा। नारद ने पूर्व जन्म का वर्णन किया तो मैना का भ्रम दूर हो गया।इस अवसर पर नरेन्द्र कुमार मौर्य , अर्जुन पाण्डेय,के० पी गुप्ता, त्रिलोकीनाथ गुप्ता, दयाराम गुप्ता, अवधेश मौर्य, पवन वर्मा, अशोक वर्मा, रामनरेश मौर्य आदि लोग प्रमुख रुप से मौजूद थे अध्यक्षता प्रभुनाथ पाण्डेय व संचालन संजय श्रीवास्तव ने किया। प्रवचन नित्य सांय 5 बजे से रात्रि 9 बजे के बीच 16 दिसंबर तक चलेगा।