सोनभद्र: धान खरीददारी ने कर्मचारियों कि अनिमितता का आया मामला
Sonbhadra: The problem of lack of employees due to purchase of paddy
जिला संवाददाता – सोनभद्र
रॉबर्ट्सगंज/ सोनभद्र। धान क्रय केंद्रों पर उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश कि धज्जियां उड़ाते हुए सहकारिता विभाग सोनभद्र के कर्मचारी दिखे जनपद सोनभद्र में स्थित राबर्ट्सगंज मंडी में किए जा रहे धान के खरीददारी में मानक को ताक पर रखकर धान खरीदने का मामला प्रकाश में आया है उक्त प्रकरण का शिकायत क्षेत्रीय व्यक्तियों एवं पत्रकारों द्वारा संबंधित अधिकारी को किया गया जिससे प्राप्त जानकारी के अनुसार 40,700 किलो का मानक डस्टर चलाकर क्रय करने का नियम है किसी भी कर्मचारियों द्वारा अनिमीतता का मामला करने पर नियमानुसार जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही होगा बताते चले कि उक्त के क्रम में क्षेत्रीय किसान और जनता का आरोप है कि रॉबर्ट्सगंज धान क्रय केंद्र पर अनिमितता पूर्ण कार्य किया जा रहा हैं जहा मानक 40किलो 700ग्राम डस्टर चलाकर क्रय करने का सरकारी नियम है वही 41 किलो 100 ग्राम के मानक दर से धान का क्रय किया जा रहा हैं।जिससे अक्रोशित जनता के शिकायत पर जिला संवाददाता द्वारा मौके पर सत्यता कि जांच करते हुए क्षेत्रीय विपणन अधिकारी विकाश पांडेय से बाइट लेने का प्रयास किया गया परंतु क्षेत्रीय विपणन अधिकारी बाइट देने से मना कर दिए जिससे यह प्रतीत हो रहा हैं कि संबंधित सहकारिता विभाग द्वारा मनमानी और मनगढ़ंत तरीके से नियमविरुध रूप से धान के क्रय में अनिमीतता किया जा रहा हैं इसी से संबंधित दूसरा प्रकरण ओरगाई प्रथम धान क्रय केंद्र पर 40 किलो 700ग्राम मानक के अनुरूप धान क्रय करने के नियम का धज्जियां उड़ाते दिखे केंद्र प्रभारी सुयश त्रिपाठी किसानों से प्राप्त जानकारी 41 किलो 100 ग्राम के दर से क्रय किया जा रहा हैं।धान शिकायत के क्रम में मौके पर जिला संवादाता द्वारा बाइट लेने पर बहाने बाजी कर टाल मटोल करने लगे और धमकी देते हुए अपने पिता को टर्निग ऑफ इंडिया मिर्जापुर का संपादक बताते हुए बोले कि वो संपादक है देख लेंगे जो आपको करना हो करिए तीसरा मामला शाहगंज के डोहरी क्रय केंद्र मिला वहा भी धान के खरीददारी में अनिमीतता दिखा केंद्र प्रभारी गणेश ने बाइट देने से भागने लगे ऐसा प्रतीत होता है कि संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मिलीभगत से धान के क्रय में अनिमियता करवाया जा रहा हैं जनता कि मांग है कि मामले का जांच किसी उच्च अधिकारी से करवाकर सत्यता के आधार पर उचित करवाही किया जाए।