कार्यवाई करने से क्यों कतरारही आरटीओ? नियम और कानून को ठेंगा दिखाकर चल रही हैं स्कूली बसें
Bhiwandi - School buses running in Bhiwandi are being run without following rules and regulations. Despite the bad condition of the buses, they are running recklessly on the potholed roads of Bhiwandi. What is more dangerous is that old buses are being run without training. According to the news, a few days ago an old lady died in a road accident caused by a driver driving a bus without license. There is a possibility of a big accident in the city anytime. In this dangerous situation, Thane RTO and Bhiwandi Traffic Police Department are being very negligent in taking action against these school buses. This has raised a question mark on the safety of children traveling in school buses. There is anger among parents and the public after hearing about this incident. Hundreds of schools teaching different languages like English, Hindi, Telugu, Marathi, Gujarati, Urdu, etc. are operating in Bhiwandi city and its surrounding areas. Many big schools run buses on contract basis to bring their students to school and take them home. Sources reveal that many school buses are in bad condition and water leaks in them even during light rain. Due to the negligence of school operators, most of the contractors run buses without license and with untrained drivers. Because of which the lives of innocent children remain in danger.
हिंद एकता टाइम्स भिवंडी
रवि तिवारी
भिवंडी – भिवंडी में चलने वाली स्कूली बसें नियम और कानून को ताक पर रख कर चलाई जारही हैं। बसों की हालत खराब होने के बावजूद भिवंडी की खतरनाक गड्डे युक्त पर बेतहासा दौड़ रही हैं। इससे खतरनाक बात यहै कि प्रशिक्षण बगैर खटारा बसे चलवाई जा रही है। खबर के अनुसार कुछ दिन पहले बिना लायसेंस के बस चाला रहे चालक व्दारा हुए सड़क हादसे में एक वृद्ध महिला की मौत हो गई थी। शहर में कभी भी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।इस खतरनाक स्थिति में ठाणे आरटीओ तथा भिवंडी यातायात पुलिस विभाग व्दारा इन स्कूली बसों पर कार्रवाई को लेकर भारी लापरवाही बरत रही है। इससे स्कूली बसों में सफर कर हे बच्चों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खडा़ होगया है। इस घटना को सुनकर अभिभावकों और जनता में रोष व्याप्त है। भिवंडी शहर व आस पास के इलाकों में सैकडों इंग्लिश, हिंदी, तेलगू , मराठी, गुजराती,उर्दू, आदि विभिन्न भाषाओं का स्कूल संचालित है।कई बड़े तामझाम वाले स्कूल अपने स्कूली छात्रों को स्कूल में लाने व घर पर पहुंचने के लिए ठेका पद्धति से बस चलवाते है।सूत्र बताते है कई स्कूल की बसे खटारा है,जिसमे मामूली बारिश में भी पानी टपकता है।स्कूल संचालकों की अनदेखी के कारण अधिकांश ठेकेदार बसे पर बिना लायसेंस व अप्रशिक्षित चालकों से बसे चलवाते है।जिसके कारण जहां मासूम बच्चों का जीवन खतरे में पड़ा रहता है। वहीं पर दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है।इतना ही सूत्र बताते है कि कई ट्रांसपोर्टर तो आरटीओ से बिना फिटनेस शार्टिफिकेट लिए बिना बसों की पासिंग किए बसे चलवा रहे है।यहां बस चलवाने वाले ट्रांसपोर्टर हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए गाइडलाइन का पालन नहीं करते है।उनकी बसों में न जॉली लगी रहती है न ही महिला कन्डेक्टर रखे है।बसों में सीसीटीवी भी नहीं लगाकर रखते है।बस चालक व उसके कंडक्टर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करते है।सबसे अहम बात यह है कि कई ट्रांसपोर्टर स्कूलों की छुट्टी होने के बाद स्कूली बसों को मजदूरों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए लगा रखा है।वही कई बस वालों ने तो बस का कलर भी पीला नहीं रखा है।लेकिन हैरत की बात यह है कि अवैध तरीके से चलने वाले बसों पर कार्रवाई को लेकर यातायात पुलिस अथवा आरटीओ कार्रवाई करने को लेकर पूरी तरह उदासीन बना हुआ है।जो अभिभावकों में आक्रोश का कारण बना हुआ है।हालांकि इस संदर्भ में कई बार ठाणे उपप्रदेशिक अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई।लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ होने के कारण उनका प्रतिक्रिया नहीं मिल सका।भिवंडी के ग्रामीण इलाके में स्थित न्यू ईरा स्कूल की एम एच ४३ एच १६१० क्रमांक की स्कूल बस सोमवार की दोपहर स्कूली बच्चों को स्कूल से छुटने के बाद घर छोड़ने जा रही थी।तेज रफ्तार की उक्त बस जैसे ही गैबीनगर इलाके में पहुंची,उसी दरम्यान तीन महिलाएं सड़क क्रास कर रही थी।जिसमे से दो महिला तो बच गई लेकिन गुलजार नगर निवासी जुबेदा गुलशन(६३) को उक्त बस ने रौंद दिया।जिसके कारण उसकी मौत हो गई।मृतक महिला के बेटे की शिकायत पर शांतिनगर पुलिस ने बस चालक इरफान हैदर पर केस दर्जकर उसे गिरफ्तार कर लिया है।पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बस ड्राइवर के पास वाहन चलने का लायसेंस भी नहीं था।बावजूद इसके स्कूल संचालकों ने बस में सवार मासूम बच्चों को उनके गंतव्य तक पहुंचने का जिम्मा देकर मासूम बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया ।इसके अलावा शहर में स्कूली छात्रों को स्कूल से लाने के जाने का काम निजी वाहनों के अलावा रिक्शों द्वारा किया जा रहा है।जो एक एक गाड़ियों में छमता से तीन गुना ज्यादा बच्चों को जानवरों की तरह ठूंस कर लेकर जाते आते है।जिसकी कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है।बावजूद प्रशासन इन वाहनों पर कार्रवाई को लेकर अनदेखी किया जा रहा है। इधर भिवंडी शहर यातायात विभाग के सीनियर पीआई सुधाकर खोत ने बताया कि शांतिनगर रोड पर स्कूल बस द्वारा हुए दुर्घटना को लेकर स्कूल बस की जांच की कार्रवाई शुरू की है।उन्होंने बताया कि शहर के सभी स्कूलों को उन्होंने पत्र जारी कर सरकारी गाइडलाइन के अनुसार बसों को चलने की सलाह दिया गया है।उनका कहना है कि इसके बावजूद जो भी स्कूली बसे नियम कानून को ताक पर रखकर चलाएंगे उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल बसों में जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य है,साथ ही स्कूल बसों का रंग पीला होने के साथ महिला कंडक्टर होनी चाहिए।स्कूल बस चालक को बच्चों की पूरी सूची रखने के अलावा स्कूल बसों की खिड़कियों पर लोहे की रोड व जाली अनिवार्य होनी चाहिए। स्कूल परिसर में भी सीसीटीवी लगाना ज़रूरी है।सीसीटीवी की फ़ुटेज ६० दिनों तक रखनी होती है और किसी भी जांच के लिए पुलिस को सौंपी जानी चाहिए।