एम्स में जल्द आएंगी दो नई एमआरआई मशीनें, रेडियोलॉजी विभाग में घटेगी वेटिंग

Two new MRI machines will come soon in AIIMS, waiting time will decrease in radiology department

नई दिल्ली: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेडियोलॉजी विभाग में मरीजों को समय पर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही दो नई एमआरआई मशीनें आने की उम्मीद है।

सात मौजूदा एमआरआई उपकरणों के अलावा दो नई मशीनें और 10 सीटी स्कैन मशीनें मरीजों की जांच के लिए वेटिंग टाइम को काफी कम कर देंगी। देश का प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान पिछले दो वर्षों से चौबीसों घंटे एमआरआई, सीटी यूएसजी और प्रयोगशाला सेवाएं प्रदान कर रहा है।

कथित तौर पर नई मशीनें एनएमआर विभाग और राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र में लगाई जाएंगी।

एम्स दिल्ली ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली द्वारा रोगी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में एम्स द्वारा की गई पहलों के साथ अस्पताल ने 2022 से चौबीसों घंटे एमआरआई, सीटी यूएसजी और प्रयोगशाला सेवाएं प्रदान करनी शुरू कर दी हैं। इससे डाइग्नोसिस क्षमताओं में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इंतजार के समय में कमी आई है।”

एम्स ने कहा, ”जरूरतमंद मरीजों को अधिक कुशल और समय पर उन्नत रेडियोलॉजी सेवाएं प्रदान करने के लिए अब दो नई एमआरआई मशीनें जोड़ी जा रही हैं।”

एम्स सस्ती और किफायती दरों पर एमआरआई डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करता है, जो आम तौर पर 2,000-3,000 रुपये के बीच होती हैं, जबकि दिल्ली में एक निजी अस्पताल में इस सुविधा के लिए 18,000-25,000 रुपये तक लगते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, एम्स में प्रत्येक एमआरआई मशीन पर प्रतिदिन लगभग 30 रोगियों की जांच की जाती है और रेडियोलॉजी प्रक्रियाओं के लिए प्रतीक्षा अवधि छह महीने से लेकर तीन साल तक हो सकती है। रोगियों को आम तौर पर उनकी बीमारी और जोखिम के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

नई मशीन के आने से राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र में आने वाले बुजुर्ग मरीजों को एमआरआई जांच के लिए एम्स के किसी अन्य ब्लॉक में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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