बिहार की सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध:विजय सिन्हा
Government committed to preserve Bihar's cultural heritage: Vijay Sinha
पटना, 25 जून : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि संग्रहालयों एवं पुरातत्व स्थलों के माध्यम से बिहार के सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित, संरक्षित एवं प्रदर्शित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि राज्य के 29 संग्रहालयों के माध्यम से वर्तमान औऱ आने वाली पीढ़ी को राज्य की समृद्ध विरासत के बारे में अवगत औऱ जागरूक कराना हमारा उद्देश्य है। इसके लिये हम नए संग्रहालयों के निर्माण औऱ पूर्व से संचालित संग्रहालयों और पुरातत्व स्थलों के प्रबंधन में लगे हैं।
सिन्हा ने कहा कि संग्रहालय को उन्नत बनाने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। पुरावशेषों औऱ कलाकृतियों का डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन, संग्रहालय का दीर्घा विकास एवं रखरखाव, संग्रहालय भवन, दीर्घा अनुरक्षण, उद्यान विकास, संग्रहित पांडुलिपियों पर शोध, अनुवाद, पुस्तक प्रकाशन, रिसर्च, संगोष्ठी, कार्यशाला औऱ शैक्षणिक कार्यक्रमों के द्वारा इसका विकास औऱ प्रसार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पुरातात्विक उत्खनन, अन्वेषण औऱ सर्वेक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा भी राज्य के पुरातत्व स्थलों के संधारण में मदद की जा रही है। पुरातत्व से संबंधित प्रकाशन और मुद्रण, संगोष्ठी, कार्यशाला, पुरातात्विक स्थलों का संरक्षण, अनुरक्षण, सौंदर्यीकरण के कार्य किये जा रहे हैं। बिहार विरासत विकास समिति भी इस दिशा में प्रयत्नशील है।
सिन्हा ने कहा,”सरकार द्वारा कुल 54 सुरक्षित घोषित स्मारक विभिन्न जिलों में हैं। पटना में अवस्थित गोलघर भी सुरक्षित घोषित स्मारक है। चिरांद, गोलघर, नेपाली मंदिर वैशाली, सूर्य मन्दिर कन्दाहा, सहरसा, कोटेश्वर धाम के ऐतिहासिक औऱ पुरातात्विक महत्व से सम्बंधित ब्राउसर का हिन्दी औऱ अंग्रेजी भाषा में मुद्रण भी कराया गया है।
उन्होंने ने कहा कि संग्रहालय औऱ पुरातत्व स्थलों के माध्यम से देश विदेश में बिहार की पहचान कायम करने के लिए विभाग प्रयत्नशील है।