सिपाही की पत्नी बेसुध,मां का फटा कलेजा,पुलिस लाइन में दी गई अंतिम सलामी,सबकी आंखें हुई नम

रिपोर्ट:मुहम्मद राजिक

यूपी के प्रयागराज में उमेश के साथ मारे गए संदीप निषाद की पत्नी रीमा अस्पताल में बेसुध थी, जबकि बेटे की मौत पर मां का कलेजा फटा जा रहा था। पत्नी को घर वालों ने दोपहर तक संदीप की मौत के बारे में नहीं बताया था, लेकिन वह सब समझ रही थी।वह बार बार कह रही थी, उनका चेहरा दिखाओ। उन्होंने कहा था कोर्ट जा रहे हैं, शाम को बात होगी। उनसे बात कराओ। संदीप के शव को पुलिस लाइम में अंतिम सलामी दी गई। इसके बाद घर वाले शव लेकर आजमगढ़ चले गए।मूल रूप से आजमगढ़ के युधिष्ठिरपट्टी बिसईपुर गांव के रहने वाले संदीप निषाद 2018 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए थे। संदीप की पहली पोस्टिंग प्रयागराज में ही हुई थी। करीब छह महीने से संदीप, उमेश पाल के साथ में थे। वह चार भाइयों और बहनों में तीसरे नंबर पर थे। बड़े भाई प्रदीप दारागंज में रहकर टीजीटी पीजीटी की तैयारी करते हैं। शुक्रवार को संदीप ने सुबह अपनी पत्नी रीमा को फोन किया था। रीमा प्रयागराज आने की जिद कर रही थी।संदीप ने कहा कि अभी वह कोर्ट जा रहे हैं। शाम को वापस आकर बात करेंगे। इसके बाद शाम को अधिकारियों ने फोन किया। रीमा के पैरों तले जमीन खिसक गई। मां समुद्री देवी भी रो रही थीं। वह बहू को समझाते समझाते खुद भी छाती पीटकर बेटे को याद करने लगतीं। दोपहर में पोस्टमार्टम के बाद संदीप के शव को पुलिस लाइन में अधिकारियों ने अंतिम सलामी दी। इसके बाद घर वाले शव लेकर पैतृक गांव आजमगढ़ चले गए। अंतिम संस्कार वहीं पर होगा।हमले में घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। शुक्रवार रात उनका आपरेशन किया गया। सूचना पर घर वाले पहुंच गए थे। वे दिन भर सुबकते रहे। मूल रूप से रायबरेली के लालगंज कोरिहरा गांव के राघवेंद्र सिंह 2016 बैच के सिपाही हैं। राघवेंद्र के पिता भी सिपाही थे। उनकी मौत के बाद राघवेंद्र को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली थी। दो भाइयों और एक बहन में बड़े राघवेंद्र की मई में शादी होने वाली है। घर वालों ने सुना तो पूरा परिवार रोते बिलखते यहां पहुंच गया। मां अरुणा और बहन अर्चना दिन भर रोती रहीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button