ग्राम प्रधान पद की पुनः हो सकती है मतगणना। 

जिला संवाददाता, विनय मिश्र।

अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने एसडीएम न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया है एक माह के अंदर दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए एसडीएम न्यायालय को फैसला देने के लिए आदेश दिया है मतगणना के मामले को लेकर विपक्ष ने आरोप लगाया था कि मतगणना के समय 32 मत कब मिले। यह मामला चकरा गोसाई ग्राम सभा का बताया जा रहा है दूसरे नंबर पर प्रधान पद की उम्मीदवार रही रेनू पांडे पत्नी विक्रम पांडे ने एसडीएम न्यायालय में शिकायत कर आरोप लगाया कि चकरा गोसाई ग्राम सभा की मतगणना के दौरान धांधली कर मतगणना अधिकारियों ने सरिता गिरी को ग्राम प्रधान घोषित कर दिया था रेनू पांडे ने यह भी आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान 32 मत पत्रों को गिना गया था । रोजगार सेवक की मिली भगत से मत पत्रों पर अंगूठा लगाकर पत्रों को अवैध कर दिया गया एसडीएम न्यायालय ने रेनू पांडे की याचिका को तथ्यहीन करार देते हुए कहा कि यह पोषणीय नहीं है जिसको लेकर रेनू पांडे ने अपर जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में बाद प्रस्तुत किया था। जिसको लेकर एसडीएम को आदेश देते हुए कहां है कि एक माह में दोनों पक्ष को सुनकर अनुकूल और उचित निर्णय दे अब देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है । क्या सरिता गिरी प्रधान रहती है या रेनू पांडे प्रधान बन जाती है यह तो भविष्य के गर्भ में है।

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