प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी में ‘कांदा एक्सप्रेस

'Kanda Express' in Delhi, Chennai and Guwahati to control onion prices

नई दिल्ली। त्योहार के अवसर पर प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अंतर्गत नेफेड द्वारा खरीदा गया करीब 840 मीट्रिक टन प्याज बुधवार को दिल्ली पहुंचा। इससे पहले भी भारतीय रेल की विशेष कांदा (प्याज) एक्सप्रेस से 1,600 मीट्रिक टन प्याज दिल्ली-एनसीआर के लिए भेजा जा चुका है। दिल्ली-एनसीआर में ट्रेन द्वारा प्याज का यह दूसरी थोक खेप है।

केंद्र सरकार के मुताबिक बाजार में समग्र उपलब्धता बढ़ाने के लिए अधिकांश प्याज आजादपुर मंडी में बिक्री के लिए भेजी जाएगी। प्याज के स्टॉक का एक हिस्सा 35 रुपये प्रति किलोग्राम पर खुदरा बिक्री के लिए रखा जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में प्याज की समय पर, विश्वसनीय और लागत प्रभावी डिलीवरी के लिए पहली बार रेल रेक द्वारा प्याज के थोक परिवहन को अपनाया गया है।

नेफेड ने पहले नासिक से रेल रेक द्वारा 840 मीट्रिक टन प्याज का भिजवाया था, जो 26 अक्टूबर को चेन्नई पहुंचा था। नासिक से गुवाहाटी के लिए एक अन्य रेल रेक 840 मीट्रिक टन प्याज के साथ बुधवार सुबह नासिक से रवाना हुई है। सरकार ने इस वर्ष मूल्य स्थिरीकरण बफर के लिए 4.7 लाख टन रबी प्याज की खरीद की थी। 5 सितंबर से 35 रुपये प्रति किलोग्राम खुदरा बिक्री के माध्यम से प्याज देश भर की प्रमुख मंडियों में रिलीज की गई है। अब तक बफर में 1.40 लाख टन से अधिक प्याज नासिक और अन्य स्रोत केंद्रों से उपभोक्ता केंद्रों तक भेजा जा चुका है।

अभी तक, एनसीसीएफ ने 22 राज्यों में 104 गंतव्यों को कवर किया है और नेफेड ने अपने प्याज निपटान में 16 राज्यों में 52 गंतव्यों को कवर किया है। केंद्र सरकार के मुताबिक खुदरा उपभोक्ताओं को 35 रुपये प्रति किलोग्राम प्याज मुहैया करने के लिए सफल, केंद्रीय भंडार और रिलायंस रिटेल जैसी खुदरा श्रृंखलाओं के साथ भी साझेदारी की गई है। इसके अलावा, खुदरा वितरण के लिए 9 राज्य सरकारों व सहकारी समितियों को 86,500 मीट्रिक टन प्याज आवंटित किया गया है।

प्याज निपटान की शुरुआत के बाद से आज तक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे प्रमुख राज्यों में प्याज की खुदरा कीमतें काफी हद तक स्थिर हो गई हैं। सरकारी एजेंसियों का मानना है कि अक्टूबर के दौरान प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें काफी हद तक स्थिर रहीं। अब रेल मार्ग से गुवाहाटी तक प्याज की खेप पहुंचने से उत्तर-पूर्वी राज्यों में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी।

उम्मीद है कि इससे कीमतों के साथ-साथ अखिल भारतीय औसत पर भी असर पड़ेगा। नासिक मंडी में कीमतें भी 24 सितंबर को 47 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर से गिर गईं और 29 अक्टूबर को यहां पर प्याज की कीमत 40 किलोग्राम थी।

Related Articles

Back to top button