बैतूल:हाई कोर्ट ने आदेश का पालन करो:केन्डु बाबा

अंशकालीन कर्मियों को कलेक्टर रेट से भगुतान करें अटल सेना ने सौंपा ज्ञापन

मध्य प्रदेश बैतूल से शेख इकबाल की खास रिपोर्ट

बैतूल। अटल सेन के नेतृत्व में बुधवार को अंशकालीन कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर कार्यालय और आदिम जाति कल्याण विभाग को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर संगठन के प्रांताध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौहान (केन्डु बाबा) ने बताया कि अंशकालीन कर्मचारी 8 घंटे से ज्यादा समय तक काम करते हैं यह नाम के लिए अंशकालनी हैं परन्तु इनसे फुल टाइम बाग बगीचा, छात्रावास की स्वच्छता भोजन आदि का कार्य करवाया जा रहा है। अपने परिवार में बूढ़े मां-बाप और बच्चों को छोडक़र सेवा दे रहें हैं। श्री चौहान ने आरोप लगाया कि इन्हें 5-5 से 8-9 महीने तक वेतन नहीं मिलता है। मात्र 5 हजार रूपऐ से लगभग 8 वर्षों से इसी वेतन में इनसे काम करवाया जा रहा है। एक महीने अगर किसी छोटे कर्मचारी-मजदूर को सप्ताह में भी उसको उसकी मजदूरी नहीं मिलती है तो उसके घर की स्थिति दयनीय हो जाती है। बड़े कर्मचारी और अधिकारी के एक माह की तनख्वा तक कभी नहीं रूकती है फिर इनके साथ ऐसा भेदभाव क्यों?

हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाए

केन्डु बाबा ने बताया कि लगभग 2 वर्ष पहले जबलपुर हाईकोर्ट के जज श्रीमान न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ के द्वारा दिए गए निर्णय अनुसार अंशकालीन कर्मियों को कलेक्टर दर से वेतन का भुगतान सुनिश्चित किए जाने के आदेश पारित हुए थे। परन्तु 2 वर्ष से ज्यादा समय होने के बाद में भी इनका पेमेंट वेतन नहीं बढ़ पाया और ना ही आज दिनांक तक इन्हें कभी समय पर पैसा मिला। ऐसे यह कर्मचारी अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे, यह कर्मचारी कर्ज के तले दुबे जा रहे हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि इन गरीबों की समस्या से शीघ्र निजात मिले, कलेक्टर रेट से भुगतान हो, हर महीने में पैसा मिले, फायर बीमा ड्रेस कोड लागु किया जाए।

यह थे मौजूद

रैली और ज्ञापन सौंपते समय श्रीमती गीता आवारे, शोभा धुर्वे, वंदना धुर्वे, दुर्गा हिवराय, वंदना पारधे, अनीता धुर्वे, निर्मला बामने, अनीता मरकाम, रानी धुर्वे, रामलाल उइके, आशा पाटणकर, बबलू गायकवाड, अर्जुन नागले, ममता पवार, सोनिया बारस्कर, किरण सोनी, कांति इवने, सोहन इवने, रमेश कुमार जुंजारे, बसराम उइके, लीला दबाड़े, गोलू सरले, तरुण रावत, सलिल गोहे, शिवरति हारोड़े, चंद्रकला आरसे, राम भाऊ आरसे, संगीता वट्टी, बरखा धुर्वे, भागीरथी दहिकर, सुशीला मोरले, राधा धुर्वे, सामलाल बारस्कर, किरण पवार, लक्ष्मी पवार सहित सैंकड़ों की संख्या में अंशकालीन कर्मचारी मौजूद थे।

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