मौद्रिक नीति का रुख न्यूट्रल करने से उद्योग जगत और शेयर बाजार को मिलेगा प्रोत्साहन : विशेषज्ञ

Making the monetary policy stance neutral will give a boost to the industry and the stock market: Expert

 

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मौद्रिक नीति का रुख बदलकर न्यूट्रल करना घरेलू उद्योगों और शेयर बाजारों के लिए सकारात्मक है। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है और इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में ब्याज दर में बदलाव आ सकता है। विशेषज्ञों ने बुधवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के निर्णय पर यह बयान दिया।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुख्य अर्थशास्त्री और डीएसजी, एस.पी. शर्मा ने कहा कि रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखकर केंद्रीय बैंक की ओर से बिल्कुल सही फैसला लिया गया है, क्योंकि महंगाई तो कम हो गई है, लेकिन अभी हमें यह देखना होगा कि यह कितने समय तक इस स्तर पर बनी रह सकती है।

शर्मा ने कहा कि आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति का रुख बदलकर न्यूट्रल करना एक अच्छा फैसला है। इससे उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और यह कंज्यूमर सेक्टर के लिए अच्छा है। इससे संकेत मिलता है कि भविष्य में ब्याज दर कम हो सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह शेयर बाजार और उद्योग जगत के लिए काफी सकारात्मक है।

बोनांजा ग्रुप के डायरेक्टर शिवकुमार गोयल ने कहा कि आरबीआई ने कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक परिस्तिथियों को देखते हुए रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह दिखाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने मौद्रिक नीति के रुख को न्यूट्रल कर दिया है। यह शेयर बाजार के लिए काफी अच्छा है।

वॉयस ऑफ बैंकिंग के संस्थापक अश्विनी राणा ने कहा कि आरबीआई ने लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। अब जल्दी लोन चुकाने पर बैंकों और एनबीएफसी कंपनियां द्वारा लगाए जाने वाले फोरक्लोजर शुल्क (लोन जल्दी चुकाने पर लगने वाली पेनल्टी) को केंद्रीय बैंक ने हटा दिया है।

उन्होंने आगे कहा कि यूपीआई 123पे और यूपीआई लाइट की लिमिट बढ़ाना ग्राहकों के लिए अच्छा है। इससे लोगों को फायदा होगा। यूपीआई 123पे की लिमिट को आरबीआई ने बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है, जो पहले पांच हजार रुपये थी। वहीं, यूपीआई लाइट की वॉलेट लिमिट भी दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दी गई है।

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